Jagannath Rath Yatra 2022 Date: Every year 'Jagannath Rath Yatra' is taken out with pomp in which people come from every corner of the country and the world to participate. Jagannath Temple is located in the city of Puri, Odisha. This Vaishnava temple is dedicated to Shri Krishna, the complete incarnation of Shri Hari. They are worshiped throughout the year in the sanctum sanctorum of the temple, but in the month of Ashadha they are brought to the Gundicha temple through a three kilometer supernatural chariot journey. Significance of Rath Yatra According to the beliefs of Hindu religion, Lord Jagannath, brother Balabhadra and sister Subhadra visit their aunt's house on the second day of Shukla Paksha of Ashadha. The Rath Yatra is taken out from the Jagannath Temple in Puri on three divine chariots. At the fore is the chariot of Balabhadra, behind him is sister Subhadra and at the rear is the chariot of Jagannath. This year Jagannath Yatra will start from 1st July and will end on 12th July.
Jagannath Rath Yatra 2022 Date: हर साल 'जगन्नाथ रथ यात्रा' धूमधाम से निकाली जाती है जिसमें शामिल होने देश-दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं. जगन्नाथ मंदिर ओडिशा के पुरी शहर में स्थित है. यह वैष्णव मंदिर श्रीहरि के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है. पूरे साल इनकी पूजा मंदिर के गर्भगृह में होती है, लेकिन आषाढ़ माह में तीन किलोमीटर की अलौकिक रथ यात्रा के जरिए इन्हें गुंडिचा मंदिर लाया जाता है. रथ यात्रा का महत्व हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा अपनी मौसी के घर जाते हैं. रथ यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर से तीन दिव्य रथों पर निकाली जाती हैं. सबसे आगे बलभद्र का रथ, उनके पीछे बहन सुभद्रा और सबसे पीछे जगन्नाथ का रथ होता है. इस साल जगन्नाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 12 जुलाई को होगा.
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